नमस्ते निवेशक दोस्तों! 👋 क्या आप भी शेयर बाजार में पैसा लगाना चाहते हैं लेकिन “What is ETF, क्या खरीदें, कब खरीदें” के कन्फ्यूजन में फंसे हैं? अगर हाँ, तो यह आर्टिकल आपके लिए गेम-चेंजर साबित होगा!
आज हम बात करेंगे ETF (Exchange-Traded Fund) की—एक ऐसा जादुई टूल जो आपको ₹100 से भी कम में Reliance, TCS, HDFC Bank जैसी टॉप कंपनियों में एक साथ निवेश करने का मौका देता है।
चलिए, रियल लाइफ उदाहरण से शुरू करते हैं।
📖 कहानी: जब राहुल ने खोजा “सस्ता और सुरक्षित” निवेश का राज
राहुल, एक 25 साल का IT प्रोफेशनल, महीने में ₹15,000 बचाता था। वह Nifty 50 में निवेश करना चाहता था, लेकिन टॉप 50 शेयर खरीदने के लिए ₹50 लाख चाहिए थे! तभी उसने ETF के बारे में सुना—जहां सिर्फ ₹100 में पूरे Nifty 50 में निवेश हो सकता है। 2024 तक उसने ₹5 लाख कमा लिए! कैसे? आइए जानते हैं…
🧩 ETF क्या है? (What is ETF in Hindi)
ETF का फुल फॉर्म है Exchange-Traded Fund। यह एक “बास्केट” की तरह काम करता है जिसमें शेयर, गोल्ड, बॉन्ड या अन्य एसेट्स होते हैं। इसे आप शेयर बाजार में स्टॉक की तरह ख़रीद-बेच सकते हैं।
🌟 ETF के 3 जादुई फीचर्स:
- विविधीकरण (Diversification): एक ETF = 100+ कंपनियों/एसेट्स में निवेश।
- सुपर सस्ता: म्यूचुअल फंड से 90% कम फीस (Expense Ratio: 0.05% से 0.5%)।
- फ्लेक्सिबिलिटी: शेयर की तरह इंट्राडे ट्रेडिंग, SIP या लॉन्ग टर्म होल्डिंग।
📊ETF का इतिहास और 2025 में इसकी प्रासंगिकता
पहला ETF 1993 में अमेरिका में लॉन्च हुआ था। भारत में, 2001 में Nifty 50 ETF आया, लेकिन 2025 तक इसका मार्केट ₹6.5 लाख करोड़ को पार कर चुका है (स्रोत: AMFI, जनवरी 2025)।
H3: 2025 में ETF की लोकप्रियता क्यों बढ़ रही है?
- मिलेनियल्स की पसंद: 18-35 साल के 60% नए निवेशक ETF चुन रहे हैं (Groww रिपोर्ट 2024)।
- कम खर्च: ETF का औसत व्यय अनुपात (Expense Ratio) 0.1%-0.5% है, जबकि म्यूचुअल फंड 1-2% चार्ज करते हैं।
- फ्लेक्सिबिलिटी: इसे शेयर की तरह 9:15 AM से 3:30 PM तक कभी भी खरीदा/बेचा जा सकता है।
📊 2025 में ETF का बड़ा धमाका! (रियल डेटा)
भारत में ETF मार्केट ₹8.5 लाख करोड़ को पार कर चुका है (AMFI रिपोर्ट 2025)। टॉप ETFs के परफॉर्मेंस देखें:
ETF का नाम | एक्सपेंस रेश्यो | 1-साल रिटर्न (2024) |
Nippon India Nifty 50 ETF | 0.05% | 18.3% |
SBI Gold ETF | 0.5% | 12.1% |
ICICI Nasdaq 100 ETF | 0.3% | 24.7% |
स्रोत: Moneycontrol, जून 2025
🚀 ETF vs म्यूचुअल फंड vs स्टॉक्स: कौन है बॉस?
तुलना का टेबल (2025 के अपडेटेड डेटा के साथ):
पैरामीटर | ETF | म्यूचुअल फंड | स्टॉक्स |
कीमत | 0.05%-0.5% फीस | 1%-2.5% फीस | ब्रोकरेज शुल्क |
ट्रेडिंग | रीयल-टाइम (9:15-3:30) | दिन के अंत में NAV पर | रीयल-टाइम |
न्यूनतम निवेश | ₹100 (1 यूनिट) | ₹500+ | 1 शेयर (₹100 से शुरू) |
रिस्क | मध्यम | मध्यम से उच्च | बहुत उच्च |
एक्सपर्ट व्यू: SEBI-रजिस्टर्ड फाइनेंशियल प्लानर प्रतीक शाह कहते हैं— “ETF उनके लिए परफेक्ट है जो बिना एक्टिव मैनेजमेंट के इंडेक्स को ट्रैक करना चाहते हैं। लॉन्ग टर्म में यह म्यूचुअल फंड्स को पीछे छोड़ देता है!”
पैरामीटर | ETF | MF |
---|---|---|
कीमत | 0.05-0.5% | 1-2.5% |
न्यूनतम निवेश | ₹100 | ₹500+ |
🔧 2025 में ETF में निवेश कैसे करें? (स्टेप-बाय-स्टेप गाइड)
स्टेप 1: डीमैट अकाउंट खोलें
- प्लेटफॉर्म चुनें: Zerodha, Groww, Upstox (कम ब्रोकरेज वाले)।
- KYC: PAN, आधार और बैंक अकाउंट लिंक करें।
स्टेप 2: सही ETF चुनें (2025 के टॉप पिक्स)
ETF टाइप | उदाहरण | 2024 में रिटर्न |
इक्विटी ETF | HDFC Nifty 50 ETF | 18.5% |
गोल्ड ETF | Axis Gold ETF | 12.3% |
इंटरनेशनल ETF | Motilal Oswal Nasdaq ETF | 26.4% |
टिप: ET Money या Valueresearch पर ETF का Tracking Error (इंडेक्स से विचलन) चेक करें। 0.5% से कम अच्छा है।
स्टेप 3: ऑर्डर प्लेस करें
- अपने ब्रोकर ऐप में ETF का नाम सर्च करें (जैसे “NiftyBEES”)।
- ऑर्डर टाइप: मार्केट प्राइस (तुरंत एक्जीक्यूट) या लिमिट ऑर्डर (तय कीमत पर)।
स्टेप 4: SIP सेट करें (वैकल्पिक)
- Groww और Zerodha पर ETF SIP सुविधा: हर महीने ऑटो-इन्वेस्ट करें।
- उदाहरण: ₹5000/माह NASDAQ ETF में = 5 साल में ₹4.2 लाख (15% CAGR मानकर)।
💡 ETF के फायदे और नुकसान: पूरी ट्रुथ!
✅ फायदे:
- शुरुआती-फ्रेंडली: एक क्लिक में डाइवर्सिफिकेशन।
- टैक्स बेनिफिट: Equity ETF पर LTCG टैक्स सिर्फ 10% (₹1 लाख से ऊपर)।
- पारदर्शिता: रोज अपडेटेड होल्डिंग्स देख सकते हैं।
❌ नुकसान:
- ब्रोकरेज शुल्क: हर ट्रेड पर ₹20 तक चार्ज (इंट्राडे में ज्यादा)।
- लिक्विडिटी समस्या: कम ट्रेडेड ETFs (जैसे Sectoral ETFs) बेचने में दिक्कत।
एक्सपर्ट टिप: “कभी भी AUM (Asset Under Management) ₹100 करोड़ से कम वाले ETF न चुनें।” — नितिन कामत, मार्केट एनालिस्ट
📌 2025 की टॉप 5 ETF स्ट्रैटेजीज (नए ट्रेंड्स)
- इंटरनेशनल ETFs: अमेरिकी टेक जायंट्स (Apple, Google) में निवेश।
- Sector ETFs: EV, रिन्यूएबल एनर्जी और AI सेक्टर पर फोकस।
- Bond ETFs: ब्याज दरें गिरने पर बेहतर रिटर्न।
- Gold ETFs: इकोनॉमिक अनसर्टेन्टी में सेफ हेवन।
- Smart Beta ETFs: Low Volatility, High Dividend जैसे फैक्टर्स पर आधारित।
❓ FAQs: एक्सपर्ट्स से पूछे गए सवाल
Q1. क्या ETF सुरक्षित है?
हाँ, अगर SEBI-registered और बड़े AUM वाले ETFs चुनें। ये एसेट मैनेजमेंट कंपनियाँ (AMCs) चलाती हैं।
Q2. क्या ETF में लॉस हो सकता है?
जी हाँ! अगर इंडेक्स गिरेगा तो ETF भी गिरेगा। 2008 में ETFs 50% तक गिरे थे।
Q3. ETF कितने साल के लिए होल्ड करें?
कम से कम 5-7 साल। Nifty 50 ETF ने पिछले 10 साल में 14% CAGR दिया है।
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🎯 निष्कर्ष: अब आपकी बारी है!
ETF निवेश उतना ही आसान है जितना Zomato से खाना ऑर्डर करना! बस याद रखें:
- लॉन्ग टर्म सोचें
- SIP करें
- डाइवर्सिफाई करें
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📢 अंतिम टिप: “ETF में निवेश करने का सबसे अच्छा समय आज ही है। कल नहीं!” — राधिका गुप्ता, CEO, Morningstar इंडिया
डिस्क्लेमर: यह शैक्षिक जानकारी है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।
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